ये कैसा लॉक डाउन, जब हुई जनसुनवाई
अमेठी। पूरे प्रदेश में 10 जुलाई की रात 10 बजे से लॉक डाउन प्रभावी है जो 13 जुलाई को सुबह 5 बजे समाप्त होगा लेकिन अमेठी जिले की नोडल अधिकारी अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने अपराह्न 3 बजे से 5 बजे तक जनसुनवाई किया। इस जन सुनवाई हेतु जिला सूचना कार्यालय अमेठी द्वारा जिलाधिकारी अरुण कुमार की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया था कि जनप्रतिनिधि तथा जन सामान्य अपनी किसी भी प्रकार की समस्या, शिकायत अथवा सुझाव के नोडल अधिकारी मोनिका एस. गर्ग से दिनांक 11 जुलाई को अपराहन 3:00 बजे से 5:00 बजे तक कलेक्ट्रेट सभागार में मिल सकते हैं। शासन द्वारा 55 घंटे का लॉकडाउन घोषित किए जाने पर शनिवार को सुबह से ही जिलाधिकारी अरुण कुमार व पुलिस अधीक्षक डा. ख्याति गर्ग ने संयुक्त रूप से जनपद के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों से लॉकडाउन का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित कराने तथा मास्क न लगाने वालों से कडा़ई से जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए औऱ जिले में भारी पैमाने पर चालान औऱ जुर्माना भी किये गए। इसी लॉक डाउन के दौरान की गई जनसुनवाई में गौरीगंज थाने के सैदपुर से आयी देव कन्या, अमेठी थाने के ककवा से आई लक्ष्मी, जामो से आये राधेश्याम व तिलोई से आये बृद्ध ने बताया कि रास्ते में पुलिस ने रोका लेकिन किसी तरह चिरौरी मिन्नत कर हम यहां तक प्रार्थना पत्र देने आये। सवाल यह उठता है कि लॉक डाउन के दौरान जनसुनवाई के लिये लोगों को आमंत्रित किया जाना क्या उचित है । जनसुनवाई में जिले के सुदूर क्षेत्रों से लॉक डाउन में लोगों को आने में कठिनाई नहीं होगी क्या या महज जनसुनवाई की खानापूर्ति करने हेतु लॉक डाउन के दौरान यह सुनवाई रखी गई।