अखिलेश यादव-आजम खां के नाम का शिलापट तोड़ने का मामला गरमाया, सपाईयों में उबाल

लखनऊ।शहर में तोपखाने के समीप बापू माल है। उस पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व पूर्व मंत्री आजम खां के नाम का शिलापट लगा है। इस पत्थर को रविवार में तोड़ने का प्रयास किया गया था। इस मामले में नगर पालिका की शिकायत पर पुलिस भी हरकत में आ गई थी।यह मामला मीडिया में उछलने पर गरमा गया है। सोमवार को इसके विरोध स्वरूप सपाईयों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर नाराजगी जाहिर की। वह इस मामले में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड से मिलना चाहते थे लेकिन उनके कार्यालय में उपस्थित उपलब्ध नहीं होने पर शाम में मुलाकात करने की बात कहकर वापस लौट गए।
इस दौरान सपाईयों ने मामले को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। वह सख्त कार्रवाई चाहते हैं। इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार गोयल, आसिम राजा आदि मौजूद थे।
क्या है पूरा मामला
रविवार को अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खां ने रविवार को बापू माल में लगे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पूर्व मंत्री आजम खां के नाम के पत्थर को तोड़ दिया। कुछ देर बाद ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
फरहत अली खान का कहना है कि आजम खां को सजा हो चुकी है। वह अपराधी हैं, इसलिए उनके नाम का पत्थर नहीं लगना चाहिए। प्रशासन को उनके नाम के सभी पत्थर हटा देना चाहिएं। हमने आजम खां के नाम का पत्थर तोड़ने का प्रयास किया है, न कि अखिलेश यादव के। लेकिन अखिलेश का नाम भी पत्थर पर लिखा है, इसलिए वह भी टूट गया। पत्थर पर हथोड़ा बजाने के बाद फरहत खां अपने घर चले गए। बाद में शहर कोतवाल ने उन्हें थाने बुला लिया। शाम पांच बजे तक वह पुलिस हिरासत में थे।