निषाद समाज मे अलख जगा गए भीम निषाद, आत्मबल से लबरेज हो गए निषाद समुदाय के युवा
भाषण के एक-एक शब्द पर चल रहा विश्लेषण
सुलतानपुर(ब्यूरो)। राष्ट्रीय संविधान दिवस पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव भीम निषाद अपने समुदाय में एकता की अलख जगा गए। निषाद विरादरी भी तेज तर्रार अपने समुदाय का नेता पाकर उत्साहित हैं। भीम निषाद ने मंच से ऐसी तान छेड़ दी कि निषाद जाति के युवा आत्म बल से लबरेज हो गए हैं। भीम निषाद के भाषण के एक-एक शब्द पर विश्लेषण चल रहा है, बर्बस सब के मुख से अभी निकल रहा है कि नेता हो तो विरादरी का ऐसा ही। जो अपनी बात बेबाकी से रख सके। जिस पर बिरादरी “नाज” कर सके।
रविवार को निषाद समुदाय के बुद्धिजीवियों की बड़ी सभा नगर के तिकोनिया पार्क में सम्पन्न हुई थी। जिसमे निषाद समुदाय के नेता एवं सपाइयों का जमावड़ा लगा। सभी नेताओं ने संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अंबेडकर, पूर्व सांसद फूलन देवी, निषाद राज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सपा के मजबूती के कसीदे पड़े। वक्ताओं ने निषाद समुदाय को पार्टी के पाले में लाने की पुरजोर कोशिश की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश सचिव समाजवादी पार्टी भीम निषाद ने बिरादरी के नेताओं व युवाओं में अपने जोशीले भाषण से ऊर्जा भारी। भाषण भी भीम निषाद ने बड़ा नपा तुला दिए। जिससे की किसी भी जात, बिरादरी को ठेस न पहुंचे, बल्कि सपा के साथ आए। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के अति करीबियों में शुमार पार्टी के प्रदेश सचिव भीम निषाद को पार्टी की ओर से निषाद समुदाय को सपा के मंच पर लाने का निर्देश दिया गया। समीकरण बना तो सपा भीम निषाद को लोकसभा में चुनावी मैदान में “पहेलवानी” करने के लिए उतार सकती। ऐसा सपाई कयास लगा रहे हैं। उसी नजरिये से निषाद समुदाय की सभा की गई। नारा दिया गया संविधान दिवस पर सामाजिक न्याय सम्मेलन। इस कार्यक्रम में बड़े बड़े दिग्गज पहुंचे,गैर जनपदों से। सभी ने भाजपा को कोसा। भीम निषाद ने निषाद समुदाय के ठेकेदारों को खरी खोंटी सुनाई। कहा कि ऐसे नेताओं से निषाद बिरादरी का भला होने वाला नही। ऐसे नेता बिरादरी को ठगने का कार्य कर अपनी जेब भर रहे हैं। अपने ही परिवार को बढ़ाने का कार्य करने में लगे हैं। टिकट बांटने के समय बिरादरी का नेता याद नही आता बल्कि माया जाल में फंसकर गैर बिरादरी के नेताओं को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इसलिए बिरादरी जहां पर पहले थी,आज भी वही स्थान पर खड़ी है। भीम निषाद ने मार्मिक ढंग से समझाया और पुचकारा भी, सावधान रहने का मशविरा भी दिया। कहा कि सपा पार्टी ने निषाद समुदाय का मान-सम्मान बढ़ाने का काम किया है, जो किसी से छुपा नही है। बहन फूलन देवी को जेल से निकाल कर सांसद बनाया,दो-दो बार। समाज के जो ठेकेदार बने हैं और भाजपा में हैं, सपा ने उन्हें भी सांसद बनाने का काम किया। पर, भाजपा हमारे समाज का दोहन करने का काम कर रही। निषाद समुदाय का वोट के रूप में भजपा इस्तेमाल कर रही,लेकिन समाज का विकास नही हो रहा है। इसलिए निषाद समाज का भला करने के लिए सपा ने बीणा उठाया है। जबतक राजनीति में समाज की भागीदारी नही होगी तबतक कोई समाज विकास नही कर सकता। इस बार के लोक सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी निषाद समाज पर दांव लगाने जारी है, बड़ी संख्या में निषाद समाज के नेताओं को सपा लोकसभा के चुनाव मैदान में उतारने जा रही है। जिस दिन संसद में निषाद समाज के नेता सांसद बनके पहुंचेंगे,समाज का कल्याण अपने आप हो जाएगा। ऐसी सोच सपा निषाद समाज के उत्थान के लिए पाल रखी है, धार निषाद समाज को देना है। इन्ही बिंदुओं पर मुख्य अतिथि भीम निषाद का फोकस रहा। भीम निषाद जिन समस्याओं पर निषाद समाज के लोगों को जागरूक करने के लिए जोर दिया उसकी गूंज जिले में चल रही है। शहर से लेकर गांव,देहात,गली, चौराहों पर चर्चों का बाजार गर्म है। दूसरी पार्टी के सजातीय नेता भी भीम निषाद के भाषण के कायल हो गए। भीम निषाद ने बयां कि समीकरण बना तो लोकसभा चुनाव पार्टी हमे सुल्तानपुर से लड़ाएगी।
इनसेट
समाजवादी पार्टी का जब से सूबे में उदय हुआ है तब से आज तक सुल्तानपुर लोक सभा क्षेत्र पर अपना विजय का पताका नही फहरा पाई। कोशिश तो पार्टी की ओर बहुत की गई, लेकिन नतीजा “ढाक का तीन पात” ही रहा। अर्थात कभी लोक सभा चुनाव सुल्तानपुर से नही जीत पाई। सपा ने अभी तक सब समीकरण साधा। लेकिन निराशा ही हाथ लगी। कुर्मी,क्षत्रिय,पंडित,मुस्लिम सब को चुनाव मैदान में सपा ने लोकसभा के चुनाव में टिकट दिया। पर, कोई भी प्रत्याशी चुनाव नही जीत सका।अब फिर लोकसभा का चुनाव होने कुछ माह बाद होने जा रहा है, ऐसे में यदि समीकरण साध कर निषाद बिरादरी पर सपा दांव लगाने की रणनीति बनाई है तो निश्चित तौर पर परिणाम चौकाने वाले हो सकते हैं। ऐसा जिले के सपाइयों का मानना है।