स्वास्थ्य विभाग ने कैंप लगाकर ग्रामीण इलाकों मरीजो की कराई जांच
बिलसंडा(संवाददाता)। गांव बिलहरा के बाद अब पास पड़ोस के गांवों में भी संक्रामक बीमारियों ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। गांव मकरंदपुर तालुके सिमरोली में संक्रमण फैलने की खबर से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई। बड़े पैमाने पर जांच मलेरिया के रोगियों के निकलने पर रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा द्वारा चार गांवों में कैंप लगवाकर मलेरिया की जांच भी कराई जा रही हैं।
गांव बिलहरा में एक पखवाड़े के अंतराल में तीन महिलाओं समेत सात लोगों की हुई मौत के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बृहस्पतिवार को भी गांव में कैंप लगाकर मरीजों की जांच कर दवांए वितरित की। इस गांव में संक्रामक रोगों पर नियंत्रण हो पाता, इससे पहले ही गांव मरेना, रामपुर बसंत, अमखेड़ा जलालपुर और मकरंदपुर तालुके सिमरोली में भी बड़े पैमाने पर लोगों के बुखार से पीड़ित होने की सूचना पर सक्रिय हुए स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों में भी कैंप लगाकर मलेरिया की जांच शुरू करा दी। जिला मलेरिया अधिकारी पंकज द्विवेदी की अगुवाई में इन सभी गांवों में स्वास्थ्य टीमों ने मरीजों की जांच की, जिसमें गांव मरेना में 2 दिन के अंदर 100 से अधिक लोगों की हुई जांच में करीब 30 लोगो में मलेरिया के लक्षण पाए गए। कमोबेश इसी तरह गांव रामपुर बसंत में भी मरीजों के ब्लड सैंपल लेकर जांच की गई। यहां पर भी बड़े पैमाने पर मलेरिया के मरीज पाए गए। जिन लोगों में मलेरिया के लक्षण पाए गए, उन्हें मौके पर ही दवाओं का भी वितरण किया गया। गांव मरेना में सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर मनीष राज शर्मा ने मौजूद रहकर मरीजों की जांच कराई ,वही गांव रामपुर बसंत में जिला मलेरिया अधिकारी पंकज द्विवेदी ने पूरे समय मौजूद रहकर मरीजों की जांच कराकर दवाओं का वितरण कराया। पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र कई गांवों में संक्रामक रोग अब महामारी का रूप लेता जा रहा है।