सीमा – अंजू की लाइफ स्टोरी पर फ़िल्म बनेगी अब, अमित जानी ने किया एलान
पाकिस्तानी महिला सीमा गुलाम हैदरी को भारतीय नागरिक सचिन से प्यार होता है और वह अपने प्यार के खातिर सीमा पार करके नेपाल के रास्ते भारत आ गई. सचिन उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा गांव का रहने वाला है. सीमा पाकिस्तान के कराची की रहने वाली है. सीमा के 4 बच्चे भी हैं और वह अपने पति को छोड़कर सचिन के साथ आ गईं हैं. इन दोनों की मुलाकात पबजी गेम खेलते समय हुई. सीमा हैदर सचिन से मिलने के लिए अवैध तरीके से दाखिल हुई है इसलिए उसे संदिग्ध मानते हुए देश की तमाम खुफिया एजेंसियां जांच में लगी हुई हैं. 19 जुलाई को सीमा हैदर से एटीएस की टीम ने पूछताछ की. इस पूछताछ में सभी सेंट्रल एजेंसीज भी मौजूद थी. काफी देर तक चली ये पूछताछ देर शाम को खत्म हुई थी। यूपी एटीएस को फिलहाल पूछताछ के दौरान सीमा हैदर से जासूसी को कोई भी सबूत नहीं मिले. यूपी एटीएस अपनी रिपोर्ट यूपी के गृह विभाग को भेजेगी. गृह विभाग सीमा हैदर और उसके चार बच्चों को पकिस्तान डिपोर्ट करने की कार्रवाई पर फैसला लेगा. सीमा हैदर औऱ उनके प्रेमी सचिन से एसएसपी ATS लखनऊ अभिषेक सिंह की टीम ने पूछताछ की. पुछताछ के बाद यह टीम लखनऊ के लिए रवाना हो गई है. शासन को भेजी जाएगी सीमा हैदर पर एटीएस की पूरी रिपोर्ट।वहीं यूपी पुलिस के स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने सीमा हैदर औऱ सचिन की डिलेज जारी की है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीमा हैदर ने अपने बच्चों के साथ भारत में अवैध रूप से आई है. पुलिस इसको लेकर कार्रवाई कर रही है. यूपी पुलिस को सीमा के पास से 2 वीडियो कैसेट, 4 मोबाइल फोन और पाकिस्तान के 5 अधिकृत पासपोर्ट मिले हैं. पुलिस को सीमा के पास से एक ऐसा पासपोर्ट भी मिला है जिसमे आधार और नाम ही नहीं है. पुलिस इन सब बिंदुओं की जांच कर रही है।
अमित जानी: विवादों से है गहरा नाता, कई आपाराधिक मामलों में है आरोपी; सीमा हैदर को फिल्म ‘ए टेलर मर्डर स्टोरी’ में दे रहे मौका
अमित जानी नवम्बर, 2019 में बसपा सुप्रीमो मायावती की मूर्ती तोड़ कर चर्चा में आए। अमित जानी ने आरोप लगाया कि अखिलेश और मुलायम सिंह यादव के कहने पर मूर्ति तोड़ी थी। इसी साल (2019 में) शिवपाल यादव ने अमित जानी को बड़ी जिम्मेवारी सौंपी।
जहां उन्हें प्रगतिशील समाजवादी पार्टी युवजन सभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया। शिवपाल के करीबी माने जाने वाले लम्बे वक्त तक उनके नेतृत्व में सपा से जुड़े रहे। अक्सर विवादित बयानों के चलते सुर्ख़ियों में रहने वाले अमित जानी ने सपा से बाहर होकर नवनिर्माण सेना पार्टी का गठन किया। 2019 में लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके, जहां उन्हें मुंह की खानी पड़ी।
विवादों से है गहरा नाता
फिर से प्रगतिशील पार्टी (शिवपाल यादव) से जुड़ गए। जिसके बाद उन्हें युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बड़ी जिम्मेवारी दी गयी। बता दें कि 2019 की लोकसभा के पहले अमित जानी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक विवादित पोस्टर लगाया था। जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी का भी आदेश जारी हुआ। हालांकि हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। आठ वर्ष पहले अमित जानी पर एक युवक ने काली स्याही फेंक दी थी, उस वक्त अमित जानी एक प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थें।
आरोपी उस कांफ्रेंस के दौरान बार-बार असुद्दीन ओवैसी जिंदाबाद के नारे लगा रहा था। अमित जानी पर चूड़ियां भी फेंकी और रफ्फु चक्कर हो गया। साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव का ऐलान हुआ और एक दल से दुसरे दल में जाने का भी सिलसिला शुरू हुआ। इसी बीच कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने अमित जानी को पार्टी में शामिल कराया। 2016 में JNU में देश विरोधी मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार जो इस वक्त कांग्रेस के युवा चेहरा माने जाते है अमित जानी ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।