छलका एक जन्मजात कांग्रेसी का दर्द, कहा -मौजूदा कांग्रेस को लीडर नहीं डीलरों की जरूरत

अमेठी(ब्यूरो)। विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से निराश जन्मजात कांग्रेसी धर्मेंद्र शुक्ला के दिल का दर्द सोशल मीडिया के जरिये बाहर निकल रहा। जन्मजात कांग्रेसी इसलिए कि दादा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शिवमूर्ति शुक्ल व पूर्व प्रमुख राममूर्ति शुक्ल के भाई और बरिष्ठ कांग्रेसी शम्भू नाथ शुक्ल के पुत्र धर्मेंद्र का जन्म ही कांग्रेसी संस्कार के बीच हुआ था। दादी स्व. मयंक माधुरी शुक्ल की देखरेख में पले बढ़े और युवक कांग्रेस से राजनीति की शुरूआत करने वाले धर्मेंद्र पिछले 33 सालों से युवक कांग्रेस व कांग्रेस के विभिन्न पदों पर कार्य करने के साथ ही का साथ देते रहे। गांधी परिवार के अत्यंत करीबी धर्मेंद्र यूपीए सरकार में उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय भारत सरकार में सदस्य रहे। 15 साल उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव रहे। 15 साल की उम्र में अमेठी से श्रीपेरंबदूर तक राजीव गांधी श्रद्धांजलि पदयात्रा की है।अमेठी लोकसभा के मीडिया पैनल लिस्ट के रूप में काम किया। राहुल गांधी जी की विकास कमेटी अमेठी लोकसभा के सदस्य के रूप में काम किया। ये भी अमेठी से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किये लेकिन कांग्रेस ने कांग्रेस के एक नौकरशाह के कृपा प्राप्त भाजपा छोड़कर एकदिन पहले ही कांग्रेस में दाखिल व्यक्ति को टिकट मिलने से दुखी हैं। कहते हैं कि 33 साल से कांग्रेस में लगा हूं बचपन से जवानी कांग्रेस में दी है। यह है गांधी परिवार के लिए समर्पण का नतीजा। हमें लगता है स्वर्गीय राजीव गांधी जी वाले कांग्रेसी नहीं जिनके समय में लीडर पैदा होते थे। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के समय में डीलर पैदा हो रहा है।करीबी नौकरशाह दोनों भाई, बहन को गुमराह करके कांग्रेस की जमीन खींचने के चक्कर में लगे हैं। उनका कहना कि पुराने किसी टिकटार्थी को दे देते तो कार्यकर्ता व लीडर का सम्मान होता लेकिन यहाँ तो डील हुई और डीलर का नाम आगे कर दिया गया और अमेठी के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को एक बार फिर दलबदलू के हवाले कर दिया गया है।