विकास शुक्ला का राजनैतिक ग्राफ बढ़ा गए थे सीएम योगी आदित्यनाथ!

शोहरत में हुए इजाफे पर कुछेक भाजपाइयों के “पेट” में शुरू हुई ऐंठन
फिर चर्चा में ला दिया सांसद मेनका गांधी
सुल्तानपुर(वीपी उपाध्याय)। हर्ष महिला महाविद्यालय के चर्चा में रहने वाले प्रबंधक विकास शुक्ला उस समय सुर्खियों में छा गए, जब सीएम योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम विद्यालय में लगा। देखते ही देखते विकास शुक्ला का ग्राफ भाजपा में इतनी तेजी से बढ़ा कि सबने उनके रण कौशल का लोहा माना। हालांकि कुछेक भाजपाइयों के पेट में ऐठन भी हुई, लेकिन करबस कुछ न चल सका, हुआ वही जो पार्टी चाही। शोहरत की बची-खुची कोर कसर को सांसद मेनका गांधी ने पूरा कर दिया। लगे जनसंवाद चौपाल में सांसद ने कई बार विकास शुक्ला का नाम लेकर यह बता बताने का प्रयास किया कि विकास शुक्ला एक सच्चे, नेक-दिल इंसान है। फिलहाल विकास शुक्ला के एकाएक राजनैतिक ग्राफ में हुई बढ़ोतरी से क्षेत्र के क्षत्रप नेताओं को छटपटाहट होने लगी है। विकास शुक्ला के बड़े राजनीतिक ग्राफ के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। जबकि प्रबंधक बयां करते हैं कि ऐसी कोई बात नहीं है जिसे लेकर लोगों के अंदर घबराहट हो रही है। मकसद एकदम साफ है पार्टी को मजबूत करना एक मात्र उद्देश्य है।
गौरतलब हो कि 23 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकारी कार्यक्रम जिले की इसौली विधानसभा क्षेत्र के हर्ष महिला महाविद्यालय में लगा। कार्यक्रम लगने की सूचना पर ही क्षेत्रीय भाजपाइयों में खलबली मच गई। हर्ष महाविद्यालय कार्यक्रम कैसे लगा? क्यों लगाया गया? इसको लेकर खूब अंदर खाने में गुथम-गुथी चली। जब सीएम के आने के प्रोग्राम पर भाजपाइयों में खुद छटपटाहट हुई। यहां तक की उस समय स्थानीय भाजपा नेताओं को भी पता न चल सका की मुख्यमंत्री के सरकारी कार्यक्रम में केवल संबंधित अधिकारी और जनता ही रहेगी कि भाजपा के पदाधिकारी भी रहेंगे, पता लगाने के लिए एक दूसरे भाजपाइयों के फ़ोन घनघनाने लगे। मंच पर बैठने के लिए बीच के रास्ते की तलाश की कवायद में लगे। लेकिन पार्टी हाईकमान से 22 अक्टूबर की देर रात तक कोई गाइडलाइन नहीं आई। भाजपाइयों के मुताबिक आधी रात को पार्टी का जब दिशा निर्देश आया तो भाजपाइयों ने राहत की सांस ली कि अब उनकी इज्जत बच जाएगीऔर शोहरत में “चार चांद” लग जाएगा। लेकिन इस दौरान जो बातें छन कर निकली, उसमें विकास शुक्ला भाजपाइयों के आंख की “किरकिरी” बन गए। विद्यालय मालिक मंच पर और हम सब नीचे कुर्सी पर कैसे आसान ग्रहण करेंगे? इससे तो क्षेत्र में गलत संदेश चला जाएगा। लेकिन देर से ही सही जब हाईकमान का निर्देश हुआ तो चिन्हित भाजपाइयों को मंच पर बैठने की व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री आए सभी ने स्वागत किया, लेकिन कार्यक्रम की शुरुआत से लेकर कार्यक्रम के समापन तक विकास शुक्ला ही चर्चा में बने रहे। विकास शुक्ला के “शोहरत” का ग्राफ इस कदर बढ़ा कि अभी भी जिले की राजनीति की सुर्खियों में चल रहे हैं। अभी विकास शुक्ला की बढ़े राजनीतिक कद की चर्चाएं थमी नही है।
सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र की सांसद मेनका संजय गांधी ने छह नवंबर को लगे जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान हर्ष महाविद्यालय के प्रबंधक विकास शुक्ला को फिर से सुर्खियों में ला दिया। संबोधन के दौरान सांसद मेनका गांधी ने कई बार विकास शुक्ला का नाम लेकर यह बताने की कोशिश की कि श्री शुक्ला एक सच्चे, नेक-दिल इंसान है। सांसद ने संदेश भी दिया कि ऐसे राजनैतिक व्यक्तियों के प्रतिभा में निखार लाने की जरूरत है। राजनीति की ऐसी हस्तियों को तलाशा और तरसा जाए।
हर्ष महाविद्यालय के प्रबंधक विकास शुक्ला जिले में पहचान की “मोहताज” नहीं है। आर्थिक सम्पन्ता के बावजूद इनका “संस्कार” ही इनकी पहचान है। सरलता और सौम्यता के साथ-साथ जुबान पर सरस्वती मां का “वास” है। आर्थिक संपन्नता की बू भी चेहरे पर नही झलकती।न ही झलकने देते हैं। “वाणी” में मिठास के “धनी” व्यक्तियों में शुमार है। इसीलिए पक्ष हो या फिर विपक्ष, सभी इनके “संस्कार” के ‘कायल’ है।