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WHO को अमेरिकी फंडिंग रोकने के बाद ट्विटर पर आई कमेंट्स की बाढ़, जानें कैसा है लोगों का रिएक्‍शन

 

वाशिंगटन। अमेरिका ने पिछले कुछ दिनों से लगातार विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन को बुरा-भला कह रहा है। अब राष्‍ट्रपति ट्रंप ने संगठन को दिए जाने वाले फंड पर रोक लगाने का एलान कर दिया है। इसको लेकर अमेरिकियों में गुस्‍सा साफतौर पर देखा जा सकता है। राष्‍ट्रपति ट्रंप ने जब डब्‍ल्‍यूएचओ की फंडिंग रोकने के बाबत ट्वीट कर इसकी जानकारी दी जो इसके साथ ही लोगों की प्रतिक्रिया भी इस पर शुरू हो गई, लेकिन इन प्रतिक्रियाओं को बताने से पहले आपको इस विवाद की असली वजह बता देते हैं।

दरअसल, अमेरिका के डब्‍ल्‍यूएचओ से खफा होने की सबसे बड़ी वजह संगठन के महानिदेशक का वो बयान है जिसमें उन्‍होंने चीन की कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए की गई तैयारियों को लेकर वहां की सरकार की तारीफ की थी। इसके बाद भी संगठन की तरफ दिए गए कुछ बयानों में चीन के किए गए उपायों को लेकर वहां की सरकार की सराहना की गई थी। इसके बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने डब्‍ल्‍यूएचओ के महानिदेशक पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था।

 

 

मिया फेरो ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि हम सभी जानते हैं कि पीटर नवारो ने जनवरी में ही इसको लेकर सारी जानकारी दे दी थी, लेकिन सरकार फिर भी सही कदम उठाने से चूक गई। इसका नतीजा है कि आज 12 हजार से अधिक लोग अमेरिका में इसकी वजह से मारे जा चुके हैं।

एक यूजर निक जैक ने लिखा कि ये सब झूठ है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने 30 जनवरी को दुनिया में हेल्‍थ इमरजेंसी की घोषणा की थी और 31 जनवरी को राष्‍ट्रपति ने यात्राओं पर रोक लगा दी थी। ट्रंप ने पहली बार इस बीमारी को लेकर 18 जनवरी को जानकारी दी थी। इसमें उन्‍होंने इसको खतरनाक माना था। इसके बाद 22 जनवरी को राष्‍ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक तौर पर इसकी जानकारी दी और कहा कि सब कुछ नियंत्रण में है।

कूल क्‍वाइट कंपनी के सीईओ यूगेन ने अपने ट्वीट में लिखा कि WHO ने कोई झूठ नहीं बोला है, बल्कि राष्‍ट्रपति ने झूठ बोला है। अमेरिका ने चीन को भारी मात्रा में दवाएं और प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट्स भेजे थे और अपने लिए कुछ नहीं रखा। समय और मानवता के लिए उठाया गया कदम एकदम सही था, लेकिन उसकी वजह से अब अमेरिकन के पास बचाव का जरिया नहीं बचा ये भी एक सच्‍चाई है। उन्‍होंने एक अन्‍य ट्वीट में लिखा है कि सीडीसी ने माना था कि इस वायरस की वजह से अमेरिका में काफी कुछ बुरा हो सकता है जो यहां की जिंदगी को बदल कर रख देगा। राष्‍ट्रपति को छोड़कर हर किसी ने इसको माना था। इसके बाद भी राष्‍ट्रपति इसको फ्लू बताते रहे।

राष्‍ट्रपति अब अपनी गलतियों का ठीकरा डब्‍ल्‍यूएचओ पर फोड़ रहे हैं। वरिष्‍ठ लेखक विली ने राष्‍ट्रपति ट्रंप के ट्वीट के जवाब में लिखा कि ये कदम आप उठा सकते हैं चीन नहीं। अर्थशास्‍त्री डेविड रुथचाइल्‍ड ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि कोरोना वायरस के शुरू होने के बाद और यात्राएं प्रतिबंधित किए जाने तक चार लाख से अधिक लोग चीन से अमेरिका में आए।

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