नगर में मानकों को ताक पर रख बिछायी जा रही जलापूर्ति पाइप लाइन

एस.पी.तिवारी/अमित सिंह
लखीमपुर-खीरी।जहां एक ओर सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है और हमारा भारत देश भी कोरोना के मामलों में अब चौथे स्थान पर आ पहुॅचा है जो कि एक गंभीर चिन्तन का विषय है।इसके साथ ही वर्तमान समय में कोरोना को लेकर जिम्मेदारों को विशेष तैयारियों के साथ ही जनता को इसके प्रति जागरुक कर उन्हें इस बीमारी से बचाने के भरसक प्रयास करने की अति आवश्यकता है।तो वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत ओयल के द्वारा नगर क्षेत्र में जनता को शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने हेतु छतिग्रस्त पुरानी पाइप लाइन हटाने को लेकर नई पाइप लाइन का जाल बिछाया जा रहा है जो कि सराहनीय कार्य है।किन्तु सोचनीय बात यह है कि इस महामारी के दौरान जनपद के सभी अधिकारीगण अत्यधिक व्यस्त हैं जिसका कस्बे में पाइप लाइन का कार्य करवा रहे ठेकेदार नगर पंचायत के जिम्मेदारों की मिली भगत के चलते नाजायज लाभ उठाने पर आमादा है।जिसका जीवान्त उदाहरण बिछायी जा रही पाइन लाइन के कार्य में देखने को मिल रहा है।मालूम हो कि पाइप लाइन बिछाये जाने के मानक जिम्मेदारों द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।जिसमें कि सरकार द्वारा अच्छी क्वालिटी की पाइप व लाइन बिछाये जाने के लिए बनाये जाने वाले नालीनुमा गड्ढ़े की गहराई आदि निर्धारित की जाती है। जिसके एवज में सरकार ठेकेदारों को जिम्मेदार विभाग के माध्यम से मानक के अनुरुप निर्धारित की गई मोटी रकम भी भुगतान कराती है।जिससे कि कार्य संपन्न होने के बाद कई-कई वर्षों तक आम जनमानस को पीने योग्य शुद्ध पेय जल आसानी से उपलब्ध होता रहे।जिसके एवज में नगर पंचायत जनता से जल मूल्य व जल कर के रुप में वसूल कर भरपाई करती है।ज्ञात हो कि कस्बे में बिछायी जा रही नई पाइप लाइन में प्लास्टिक का मात्र तीन इंच व्यास वाला पाइप बिछाया जा रहा है,जिस पर आने वाले समय में सम्पूर्ण नगर क्षेत्र की शुद्ध पेय जलापूर्ति निर्भर करेगी जो कि यहां की आबादी को देखते हुए संभव प्रतीत नहीं होता दिख रहा है।इतना ही नहीं उक्त पाइप लाइन मानकों को ताक पर रख लगभग डेढ़ से दो फुट गहराई की नालियां बना महज खानापूर्ति कर जनता की गाढ़ी कमाई के धन का बन्दर बांट किया जा रहा है। मानकों को तक पर रख कम गहराई व सस्ती क्वालिटी का पाइप बिछा, ठेकेदारों द्वारा नगर पंचायत के जिम्मदारों की मिलीभगत से खानापूर्ति कर मानक के अनुसार तय रकम तो भुगतान करा ली जायेगी, किन्तु भविष्य में इन मार्गें से गुजरने वाले ट्रैक्टर-ट्रालियों सहित अन्य भारी वाहनों से कम गहराई में डाली जा रही पाइप लाइन छतिग्रस्त हो जायेंगी और समस्या जस की तस पुनः उत्पन्न हो जायेगी। जिसका खमियाजा नगर की भोली-भाली जनता को भुगतना पडे़गा। वहीं सरकार द्वारा समस्या को समाप्त करने के लिए भेजे गये धन का बन्दर बांट कर नगर पंचायत के जिम्मेदार व ठेकेदार अपनी जेबें भर कर मौज उड़ायेंगे।
इस संबन्ध में जब नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी सत्यकी शुक्ला के दूरभाष नम्बर पर कई बार संपर्क कर जानकारी करनी चाही किन्तु उनका फोन नेटवर्क की पहुॅच से बाहर होने की वजह से संपर्क नहीं हो सका।