Sultanpur

न स्कूल न बिल्डिंग और ले डाली सांसद-विधायक निधि, डीएम ने की कार्यवाही

 

सुलतानपुर । जिलाधिकारी सी0 इन्दुमती ने अवगत कराया है कि लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कलां, लालजी शिक्षण संस्थान उच्च प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कला एवं रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय कोथरा कला के सम्बन्ध में की गयी शिकायत तथा इस प्रकरण में रिट याचिका संख्या 18923 (एम0एस0)/2018 श्री लालजी शिक्षण संस्थान बनाम उ0प्र0 सरकार एवं रिट याचिका संख्या 1887/ (एम0बी0) पी0आई0एल0/2020, राजकुमार बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य में मा0 न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में मुख्य राजस्व अधिकारी, सुलतानपुर की अध्यक्षता में प्रकरण की जॉच हेतु वरिष्ठ कोषाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी व तहसीलदार सदर सुलतानपुर की पॉच सदस्यीय समिति गठित की गयी है। समिति द्वारा स्थलीय निरीक्षण तथा उभयपक्षों की सुनवाई के पश्चात अपनी आख्या दिनांक 08.07.2020 प्रस्तुत की गयी है, जिसके अनुसार लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय कोथरा कला, लालजी शिक्षण संस्थान उच्च प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कला एवं रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय कोथरा कलां की मान्यता गलत तथ्यों को दर्शाते हुए शिक्षा विभाग से प्राप्त की गयी है। गाटा संख्या 95 में कभी भी कोई शिक्षा सम्बन्धी कार्य नहीं हुआ और न ही कभी वहाँ कोई विद्यालय स्थापित था। इसी प्रकार गाटा संख्या 442 में रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कलां कभी गतिमान नहीं रहा और न ही लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय कोथरा कलां गाटा संख्या 444 में संचालित रहा। वर्तमान में गाटा संख्या 444 एवं गाटा संख्या 442 के आंशिक भाग पर लालजी सिंह महाविद्यालय का भवन स्थापित है। अतः जब विद्यालय का भवन ही स्थापित नहीं था, तो इन विद्यालयों पर खर्च हुई विधायक/सांसद निधि का मु0 32.70 लाख रूपये का दुरूपयोग हुआ एवं इन फर्जी शिक्षण संस्थानों में जो छात्रवृत्ति विभिन्न विभागों द्वारा वितरित की गयी वह भी सत्यापित नहीं हो पायी और उसका भी दुरूपयोग हुआ है। प्रबन्धक लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कलां एवं रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय कोथरा कलां द्वारा शिक्षा विभाग, विकास विभाग व अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ छल करके उक्त कृत्यों को अंजाम दिया गया है।
उपरोक्त तीनों संस्थाओं को मान्यता दिये जाने तथा विभिन्न विभागों द्वारा छात्रवृत्ति दिये जाने एवं सांसद/विधायक निधि से धनराशि दिये जाने से सम्बन्धित वर्ष 2001 से 2014 तक के अधिकारियों व कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करने हेतु निर्देशित किया गया है। एक सप्ताह के अन्दर कार्यवाही हेतु यथोचित स्तर पर प्रस्ताव प्रेषित किया जायेगा।
प्रकरण में अधोहस्ताक्षरी के निर्देशानुसार मुख्य विकास अधिकारी/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी/परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण/जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी, सुलतानपुर द्वारा दोषी प्रबन्धक के विरूद्ध विधिक कार्यवाही तथा इन तीनों संस्थाओं के नाम पर दी गयी सांसद/विधायक निधि तथा विभिन्न विभागों द्वारा वितरित की गयी छात्रवृत्ति की वसूली के सम्बन्ध में भी कार्यवाही करायी जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Alert: Content selection is disabled!!