दुश्वारियां भरा है बीएम यादव की डाली गई ‘परंपरा’
बीएम यादव के स्तर से रखी गई 'नींव' से पशोपेश में सपा के नेता जी!
टिकट दावेदारों के चेहरों पर आ गई ‘सिकन’
बीएम ने दिया पीड़ित को एक लाख का चेक
सुल्तानपुर(विनोद पाठक)। इसौली के ‘लाल’ सपा नेता बीएम यादव के मदद की कार्यशैली से सपा के नेता पशोपेश में आ गए है। विधानसभा क्षेत्र में पीड़ित व्यक्तियों की जिस ‘किस्म’ से मदद करने का बीड़ा बीएम यादव ने उठाया है,साथ ही आर्थिक मदद की ‘इमदाद’ पेश की है। परंपरा और ‘नींव’ डाली है। इससे अन्य विधानसभा क्षेत्र के सपाइयों के चेहरे पर ‘सिकन’ आ गई है। जिले के नेताओं के चेहरे पर ‘मायूसीयत’ नहीं है तो ‘खुशी’ भी नहीं। जिले भर के कार्यकर्ता बीएम यादव की वाहवाही तो कर रहे, बधाई भी दे रहे हैं। लेकिन जिले के सपाई मानसिक रूप से दबाव में आ गए हैं।’कोस’ नही रहे हैं तो खुशी का ‘इजहार’ भी नही कर पा रहे हैं। बीएम यादव के ‘परंपरा’ का विरोध नहीं, पर कुछ बोल भी नहीं पा रहे हैं।
गौरतलब हो कि समाजवादी पार्टी वर्तमान समय में विपक्ष की भूमिका में है। जिले में साढे 4 साल के दौरान हुई चर्चित घटना की जब पार्टी हाईकमान ने जिले के सपाइयों से आख्या तलब की तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीड़ित परिवार की मदद के लिए हमेशा आगे रहे। पीड़ित परिवार को मदद पहुंचाने के लिए सपा के प्रतिनिधिमंडल के साथ कम से कम एक लाख से दो लाख रुपए तक की मदद पहुंचाई गई। अभी हाल में इसौली विधानसभा क्षेत्र के मिठनपुर गांव में एक निषाद परिवार के युवक की हत्या कर दी गई। परिवार आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है। इसकी भनक जब इसौली विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेता बीएम यादों को लगी तो आनन-फानन में सपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के साथ मिठनेपुर गांव पहुंचे। परिवार की आर्थिक दशा देखकर सपा नेता का दिल ‘पसीजा’ गया। सपा नेता ने दरियादिली दिखाई। पीड़ित परिवार को एक लाख रुपए का चेक देकर जिले के सपाइयों को ‘चौका’ दिया। बीएम यादव ने पीड़ित व्यक्ति के मदद जो ‘नींव’ रखी है, परंपरा डाल दी है, इससे जिले के सपाई ‘पशोपेश’ में हैं। न कुछ बोल पा रहे हैं न ही खुशी का ‘इजहार’ कर रहे हैं। चेहरे पर ‘शिकन’ सी आ गई है कि कहीं पर इस प्रकार की घटना घटित होती है तो उनके ऊपर भार जरूर पड़ सकता है? पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता ऐसे नेताओं के ऊपर दबाव डाल सकते हैं कि जब इसौली विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ सपा नेता “बीएम यादव” पीड़ित व्यक्ति की मदद कर सकते हैं तो आप क्यों नहीं? क्योंकि बीएम यादव न तो अभी विधायक बने हैं न ही सांसद?न किसी लाभ के पद पर रहे हैं। यह परंपरा बीएम यादव की उनके लिए दिक्कत पैदा कर सकती है जो वर्तमान में विधायक हैं या फिर पूर्व विधायक। जो पांच साल शासन सत्ता में रह कर आर्थिक रूप से मजबूत हुए हैं। अब सपा का कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेगा? ऐसी घटनाओं पर मदद के लिए अपनी विधानसभा के नेताओं पर प्रेशर बनाने का काम जरूर करेंगे। फिलहाल हो कुछ भी लेकिन बीएम यादव ने आर्थिक मदद करने की जो ‘परंपरा’ डाल दी है, उससे सपाइयों में खुशी है। लेकिन जो विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं, टिकट के लिए दावेदारी पेश किए हैं, उनके लिए दुश्वारियां भरा है।