दलालों से तंग अमेठी कलेक्ट्रेट में लगे दलालों से सावधान के पोस्टर
अमेठी। जिले की कलेक्ट्रेट इस समय दलालों की कारगुजारियों से इतनी त्रस्त हो चुकी है कि कलेक्ट्रेट में चारों ओर जगह जगह पर दलालों से सावधान के पोस्टर लगाने पड़े। लॉक डाउन के दौरान लगाये गये इन पोस्टरों के माध्यम से अमेठी कलेक्ट्रेट में आने वाले हर आदमी को इनसे सावधान रहने की हिदायत दी जा रही है। वैसे ये पोस्टर इस समय इस बात को लेकर चर्चा में भी हैं कि जिस भवन में जिले के मुखिया जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट, तहसीलदार जैसे जिले के जिम्मेदार अधिकारियों के कार्यालय व न्यायालय हैं और ये अधिकारीगण स्वयं जनसुनवाई से लेकर वहां की हर गतिविधियों पर निगाह रखते हों, ऐसे परिसर में लॉक डाउन के दौरान दलालों की बाढ़ कैसे आ गई और जनता को सावधान करने के लिए पोस्टर लगाने के लिए अनुमति देनी पड़ी। सवाल यह भी उठता है कि जब प्रशासन को यह पता चल चुका है कि कलेक्ट्रेट में दलाली हो रही है तो दलालों, संबंधित बाबुओं या अधिकारी को चिन्हित कर उन पर कार्यवाही करने के बजाय पोस्टर लगा कर जनता को सावधान रहने की हिदायत क्यों ? क्या जिला प्रशासन सतर्कता औऱ निगरानी इतनी कमजोर है कि जिले की कलेक्ट्रेट को दलालों से नहीं बचा सकती। ये दलाल कौन हैं, कहाँ से पैदा हो गए औऱ कलेक्ट्रेट के वे अधिकारी व बाबू कौन हैं जो इनके प्रश्रयदाता हैं ये तो जांच का विषय है लेकिन कलेक्ट्रेट में लगे दलालों से सावधान के पोस्टर जिले की प्रतिष्ठा व मर्यादा को तार तार कर रहे हैं।