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बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन रिहा

पटना।आनन्द मोहन-डीएम जी. कृष्णय्या हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार की सुबह मंडल कारा सहरसा से बाहर निकल गए। उन्हें सरकार ने स्थायी तौर पर रिहा कर दिया है।

बता दें कि आनंद मोहन बुधवार को पेरोल समाप्त होने पर जेल गए थे। इससे पहले वो अपने बेटे राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई के मौके पर पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। इसी बीच सरकार ने उनके पूर्ण रिहाई का आदेश दिया।आनंद मोहन गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल में थे। उन्हें रिहा करने के लिए बिहार सरकार ने जेल नियमों में बदलाव किया, तब जाकर उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ। आनंद मोहन के साथ 27 अन्य कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया गया। जिसके बाद से नीतीश सरकार विरोधियों के निशाने पर हैं।कांग्रेस ने बिहार सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध किया है। वहीं, भाजपा सीधे तौर पर कुछ कहने से बचती नजर आ रही है। गिरिराज सिंह से लेकर अन्य नेताओं ने आनंद मोहन की रिहाई को सही बताया लेकिन अन्य कैदियों के छोड़े जाने पर आपत्ति जताई।

इधर, आनंद मोहन की रिहाई पर दिवंगत आइएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने आपत्ति जताई है। अब जानकारी के अनुसार, आनंद मोहन के पुत्र और राजद के विधायक चेतन आनंद ने दिवंगत आइएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया और परिवार के दूसरे सदस्यों से मिलने की इच्छा जाहिर की है।

चेतन आनंद ने कहा है कि कृष्णैया परिवार के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है। हम उनके परिवार से संपर्क कर रहे हैं। अगर सहमति मिली तो हम पूरे परिवार के साथ उनसे मिलने जाएंगे।

जनता आनंद मोहन की रिहाई का करेगी विरोध-जी कृष्णैया की पत्नी
जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की अपील की। उन्होंने कहा कि जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उसे वापस जेल भेजने की मांग करेगी। उसे रिहा करना गलत फैसला है।

उमा देवी ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। अगर आनंद मोहन भविष्य में चुनाव लड़ेंगे तो जनता को उनका बहिष्कार करना चाहिए।

डीएम जी कृष्णैया की बेटी बोली-ये अनुचित, नीतीश सरकार ने गलत मिसाल कायम की
एक बार फिर डीएम जी कृष्णैया के परिवार ने आनंद मोहन की रिहाई का विरोध जताया है। उनकी बेटी ने कहा कि आनंद मोहन सिंह का आज जेल से छूटना हमारे लिए बहुत दुख की बात है। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। मैं नीतीश कुमार जी से अनुरोध करती हूं कि इस फैसले पर दोबारा विचार करें। इस फैसले से उनकी सरकार ने एक गलत मिसाल कायम की है। ये अनुचित है।

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