National

गुजरात का मोरबी पुल टूटा, 77 लोगों की मौत

142 साल पुराने इस पुल को पिछले छह महीने से जनता के लिए किया गया था बंद, पांच दिन पहले खोला गया था

विनोद श्रीवास्तव

मोरबी । गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी में एक केबल पुल के टूटने से कई लोगों की मौत हुई है। बताया गया है कि जिस वक्त पुल टूटा उस वक्त करीब 400 लोग पुल पर ही थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हादसे में कम 77 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों घायल हैं। पीएम मोदी ने भी घटना को लेकर अधिकारियों से तत्काल राहत-बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सिलसिले में गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल से बात की और घटना पर निगरानी रखने के लिए कहा।


गुजरात के मोरबी में रविवार को हादसे का शिकार हुए मच्छु नदी में बने केबल पुल का इतिहास काफी पुराना है। इस पुल को आजादी से पहले अंग्रेजों ने बनवाया था। इसके निर्माण में उस समय की सबसे बेहतरीन इंजिनियरिंग का प्रयोग किया गया था। इतना ही नहीं, इस पुल के निर्माण के लिए सारा सामान ब्रिटेन से ही मंगवाया गया था। साल 1880 में इसका निर्माण पूरा हुआ। यह पुल ना केवल भारत की आजादी की लड़ाई का गवाह बना बल्कि इसने भारत के उज्जवल भविष्य को भी देखा। बेहतरीन इंजीनियरिंग का नमूना, कला और पुराने होने के कारण इस गुजरात के बेस्ट टूरिस्ट प्लेस में शुमार किया जाता था। मच्छु नदी पर बना यह ब्रिज मोरबी के लोगों के एक प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट था।
पिछले काफी समय से बंद था पुल
बता दें कि 142 साल पुराने इस पुल को पिछले छह महीने से जनता के लिए बंद कर दिया गया था। हाल ही में इसकी मरम्मत का काम पूरा हुआ था। जिसके बाद 25 अक्तूबर को ही इसे जनता के लिए दोबारा खोला गया था। इसके पांच दिन के भीतर ही इतना बड़ा हादसा हो गया। 1.25 मीटर चौड़ा यह ब्रिज दरबार गढ़ पैलेस और लखधीरजी इंजीनियरिंग कॉलेज को जोड़ता है।

मोरबी में मच्छु नदी पर बने इस पुल का निर्माण साल 1880 में पूरा हुआ था। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। उस समय इसके निर्माण में करीब 3.5 लाख रुपये की लागत आई थी। इतना ही नहीं, जब इसका निर्माण किया जा रहा था, तब पुल के निर्माण के लिए सारा सामान ब्रिटेन से मंगवाया गया था। उसके बाद से कई बार इसकी मरम्मत कराई जा चुकी है। पिछले छह महीने से इसे जनता के प्रयोग के लिए बंद कर दिया गया था। इस दौरान इसकी मरम्मत का काम कराया जा रहा था। दीवाली के अगले दिन यानी 25 अक्तूबर को इसे प्रयोग के लिए दोबारा खोला गया था। इस बार इसकी मरम्मत में करीब दो करोड़ रुपये की लागत आई थी।

765 फीट लंबा यह सस्पेंशन ब्रिज है ऐतिहासिक

दुर्घटना का शिकार हुआ मोरबी का यह पुल एक लंबे इतिहास का साक्षी भी रहा है। इसने स्वतंत्रता के लिए भारतीयों की लड़ाई भी देखी और फिर भारत के उज्जवल वर्तमान को भी। यह केवल गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक धरोहर थी। बता दें कि इस पुल की लंबाई 765 फीट है। इतना ही नहीं, इस पुल पर जाने के लिए 15 रुपए फीस लगती है।

भारी बोझ के कारण टूटा पुल
नदी में गिरे लोग

गौरतलब है कि मोरबी में यह पुल हाल ही में जनता के लिए दोबारा खोला गया था। हालांकि, मरम्मत के बावजूद यहां इकट्ठा हुई भीड़ के वजन की वजह से पुल टूट गया। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि जब पुल टूटा तो उन्होंने महिलाओं और बच्चों को इसकी केबल से लटकते भी देखा। वहीं, मिली जानकारी के मुताबिक, इस पुल की क्षमता करीब 100 लोगों की ही है, लेकिन चूंकि आज रविवार होने के कारण छुट्टी वाला दिन था ऐसे में लोगों की भारी भीड़ पुल पर थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि घटना के वक्त करीब 400 से 500 लोग पुल पर थे। ऐसे में भारी भीड़ का बोझ पुल सह नहीं पाया और टूट गया।

 

इस कंपनी के पास है रखरखाव की जिम्मेदारी

बता दें कि मोरबी पर बने इस अंग्रेजों के जमाने के ब्रिज के रखरखाव की जिम्मेदारी वर्तमान में ओधवजी पटेल के स्वामित्व वाले ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। इस समझौते के आधार पर ही इस पुल के रखरखाव, सफाई, सुरक्षा और टोल वसूलने जैसी सारी जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है।

 

पीएम मोदी ने किया मुआवजे का एलान

पीएम मोदी ने घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है। वहीं, घायलों को 50 हजार रुपये की मदद दी जाएगी। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि वे इस घटना पर नजर रख रहे हैं। एंबुलेंस को तुरंत रवाना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वे लगातार अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Alert: Content selection is disabled!!