सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद दे दिया एक लाख की आर्थिक सहायता
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रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र की एक महिला ने गांव के युवक पर लगाया था दुष्कर्म का आरोप
आरोपी ने स्टे के बावजूद आर्थिक सहायता देने पर जिलाधिकारी से किया शिकायत
रामपुर कारखाना (देवरिया)। सुप्रीम कोर्ट से स्टे के बावजूद रामपुर कारखाना पुलिस ने एक दुष्कर्म पीडीता को दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की संतुति कर दी। पुलिस की संस्तुति के बाद आयोग ने महिला को 1 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया। जबकि दुष्कर्म के आरोपी ने स्टे ली है, इसके बावजूद आर्थिक सहायता दी गयी। जिसकी शिकायत कर जिलाधिकारी से जाँच की माँग की गयी है।
रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र की गांव निवासी एक महिला ने गांव के ही युवक पर 26 जुलाई वर्ष 2017 को दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला ने युवक के परिजनों पर घर में घुसकर मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी। एक दिन बाद ही महिला ने आरोपियों के खिलाफ एससी एसटी कोर्ट में परिवाद दाखिल कर दिया। सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने आरोपियों को जवाब देने के लिए तलब कर लिया। मामले में महिला का मेडिकल ना होने और किसी थाने में मुकदमा पंजीकृत ना होने का हवाला देते हुए आरोपी हाई कोर्ट पहुंचे। हाई कोर्ट में मामला खारिज होने के बाद आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया। 6 सितंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से मामले में स्टे मिल गया। आरोपियों ने रामपुर कारखाना थानेदार समेत पुलिस अधीक्षक कार्यालय को रिसीव करा दिया। बावजूद इसके 1 मार्च 2020 को रामपुर कारखाना थानेदार ने महिला को 2 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की संस्तुति कर दी। उनकी संस्कृति के बाद आयोग से 3 जून को एक लाख रुपए महिला के खाते में पहुंच गए। इस बात की जानकारी होने पर आरोपी अपने वकीलों के साथ जिलाधिकारी अमित किशोर से मिला। आरोपी ने जिलाधिकारी से स्टे के बावजूद नियम विरुद्ध से भुगतान करने और उनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं होने का हवाला देते हुए पब्लिक मनी को महिला से वापस लेने की मांग की है। जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को मामले की जांच सौंपा है।