नाटककार पद्मश्री भिखारी ठाकुर की मनी पुण्यतिथि

उनके पदचिन्हो पर चलने का लिया संकल्प
रूद्रपुर (देवरिया)। नाटककार पद्मश्री भिखारी ठाकुर सही मायने में समाज सुधारक थे। समाजिक कुरितियों , रुढ़ियों और अंधविश्वास के कट्टर विरोधी रहे। उनके दिखाए रास्ते पर चलने के लिए उठाए गए कदम ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
यह बातें महापद्मनंद कम्युनिटी एजुकेटेड एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने भिखारी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण कर उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि आज महामारी के बीच हम सब प्रगतिशील विचारधारा के साथी अपने अपने घरों पर रहकर ऐसे महान रंगकर्मी की पुण्यतिथि मना रहे हैं। जिसने विदेशियों के माध्यम से तत्कालिन समाजिक विसंगतियों, कुरितियों और पाखंण्डों का खुलासा कर आम लोगों को आगाह करा दिया था। भिखारी ठाकुर मुक्कमल कलाकार ही नहीं मुक्कमल मनुष्य भी थे।प्रेम प्रधान ने कहा कि भोजपुरी जगत के साधनहीन परिवार में जन्म लेकर भिखारी ठाकुर ने तत्कालीन गंवई परिवेश को अपनी नंगी आंखों से देखा था ।बाल विवाह, बेमेल विवाह, बेटी की बिक्री, दहेज प्रथा के खिलाफ जहां आगे आते हैं, वहीं विधवा विलाप बेटी वियोग और गबरघिचोर नाटक नारी की अबला सी नियति पर उसके सबल मातृत्व के गुणों को चित्रित किया है। उनका निधन चौरासी वर्ष की उम्र में आज के ही दिन दस जुलाई उन्नीस सौ इक्कहत्तर को हुआ था।उनकी भुमिका उन्हें शेक्सपियर, प्रेमचंद , शरतचंद्र, स्वामी दयानन्द जैसे महा समाज सुधारकों के साथ खड़ा करता है। इस अवसर पर डा.आर के शर्मा, शैलेंद्र शर्मा , प्रदीपकुमार शर्मा ,राम भगत शर्मा, अर्जुन शर्मा, भीम जी, जगदीप नंद, प्रमोद नंद, रवी ठाकुर, रमेश, सत्येन्द्र ठाकुर, राजू शर्मा, दरोगा शर्मा व संजय नंद ने भिखारी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की ।