Deoria

खेत को बनाया सेना में जाने का पाठशाला

यहां से तैयारी कर 150 युवा देश की कर रहे है सेवा

बैतालपुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों के सैकड़ों जवान लगाते है दौड़

तीन वर्ष से भर्ती नही निकलने पर इनकी मेहनत हो रही बेकार

निर्वाण टाइम्स ब्यूरो

देवरिया। सेना में भर्ती के प्रति बैतालपुर क्षेत्र के युवाओं में खासा जुनून देखने को मिल रहा है। जो ईंटवा गांव के समीप एक खाली पड़ी जमीन को अपने सपनों को पूरा करने के लिए ठिकाना बना लिए हैं। यहां युवाओं की टोलियां सुबह-शाम सेना में भर्ती की तैयारियों में जुटी नजर आ रही हैं। सर्दी हो या गर्मी, यह युवा कई घंटे तक दौड़ लगाने के साथ ही कसरत करने में व्यस्त रहते हैं। सेना में भर्ती होने का जज्बा इनके चेहरों पर साफ नजर आ रहा है। लेकिन वर्ष 2018-19 के बाद सेना की भर्ती नही निकलने से इनके सभी मंसूबों पर पानी फिर गया है। तड़के चार बजे से ही युवा वार्म अप, पुश अप, लंबी कूद, बीम निकालने और दौड़ने का अभ्यास लगातार किया जा रहा है। ईंटवा, भगुआ, सिरजम, परसिया, गुड़री, सोपरी, बढ़या, बैतालपुर, पोखरभिण्डा, मुकुंदपुर, जगदीशपुर, धतूराखास आदि गांव के युवाओं को दौड़ लगाने और व्यायाम करने के लिए मजबूर हैं।

वर्ष 2011 से शुरू हुआ यहां दौड़ का अभ्यास शुरू है। इस स्थान पर वर्ष 2011 में क्षेत्र के भुअर यादव, पिंटू यादव, मुलायम यादव और दुर्गेश यादव जैसे चार जांबाजों ने सेना में भर्ती होने के लिए बैतालपुर क्षेत्र के ईंटवा गांव के समीप देवरिया गोरखपुर मुख्यमार्ग पर स्थित इस विवादित जमीन को साफ सफाई कर अपने दौड़ने का महफूज जगह बनाया और अभ्यास करना शुरू किया। और यह चारों सेना और पुलिस में भर्ती होकर इस क्षेत्र के नौजवानों के लिए प्रेरणास्रोत बने। इन्हें सेना में भर्ती होते ही क्षेत्र के अन्य युवाओं ने इस जगह को अपना अभ्यास केन्द्र बनाया, जो विवादित भूमि पर अनवरत जारी है। यहां से अब तक इस टीम से लगभग 150 से अधिक लोग सेना में भर्ती हुए हैं।

 

 

सबसे पहले सेना में जाना ही है पहली प्राथमिकता

गौरतलब है कि देश सेवा में काफी संख्या में सैनिक देने वाले इस देवरिया जिले में बैतालपुर ब्लॉक की खास पहचान है। सेना में भर्ती होना यहां के युवाओं की आज भी पहली प्राथमिकता है। यहां के कई जवानों ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहादत दी है। यहां के युवा आज भी अध्यापक, आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर बनने के बारे में बाद में सोचते हैं, जबकि सेना में जाने के लिए पहले।

दौड़, बीम, कूद व कसरत का लक्ष्य कर रहे पूरा

सेना में भर्ती के लिए अभी 16 सौ मीटर की दौड़ साढ़े पांच मिनट में पूरी करनी होती है। यहां 10 से लेकर 20 तक युवा ग्रुप में दौड़ लगाते हैं। कई युवा अकेले ही दौड़ लगाने निकल पड़ते हैं। युवा दौड़, बीम, कूद व कसरत का लक्ष्य पूरा कर रहे हैं।

 

 

युवाओं के बोल


बैतालपुर के भगुआ गांव निवासी मंगेश यादव ने कहा कि मै सेना भर्ती रैली के लिए पूरी तरह से तैयार हूं। मैने हर स्तर पर भर्ती के लिए तैयारी की है। सुबह-शाम दौड़ और कसरत की है। मैं सेना में भर्ती होकर राष्ट्र सेवा करना चाहता हूं। पर सरकारी नितियों ने भर्ती ना निकाल कर सपना चकनाचूर कर रही है।


बैतालपुर के ईंटवा गांव के रहने वाले सुग्रीव प्रजापति का कहना है कि वह सेना में शामिल होने का सपना स्कूली दिनों से ही देख लिया है। ऐसे में किसी दूसरी नौकरी के बारे में सोंंचा ही नहीं। सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना ही मेरा लक्ष्य है। लेकिन सरकार की उदासीनता उनके मंसूबों पर पानी फेर रही है।

 

बैतालपुर के परसिया गांव के मनोज यादव ने कहाकि फौज मेें भर्ती होने के लिए मेरी मेहनत जरूर रंग लाएगी। मुझे पूरा भरोसा है। अब मैने देश सेवा के लिए सेना में शामिल होने की ठान ली है, इसलिए मैं अपने इस सपने को पूरा करके रहूंगा। बस देरी है तो वह है कि सरकार की भर्ती का आवेदन निकलना।


बैतालपुर के सिरजम गांव के मनोज यादव ने कहाकि सेना में भर्ती होकर देश सेवा करना चाहता हूं। मेरे लिए देश सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है। सुबह शाम सड़कों पर दौड़ लगा रहा हूं। तैयारी पूरी है और भर्ती में सफल होकर भी रहूंगा। पिछले दो साल से सेना की भर्ती की तैयारी कर रहा हूं। सुबह तीन घंटे और शाम को दो घंटे दौड़ लगाता हूं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Alert: Content selection is disabled!!